Friday, December 22, 2017

Lallan Chhaddi And Payment


ललन चडी का पेमेंट
जैसे की हम पहले बताचुके हे की ललन चडी पेशे से कम्पाउण्डर था (परन्तु खुद को डॉक्टर होने का दावाकरता था) कुछ लोग उसे कभी-कभी अपने घरो पर मरहम-पटटी या इंजेक्शन लगाने बुलाते थे  
एक दिन ललन चडी के कसबे में रहने वाले कबाड़/भंगार के सबसे बड़े व्यापारी श्री जुना भाई भंगारवाला के हाथ में एक फोड़ा हो गया, किस्मत से ललन का बड़ा भाई फक्कड़ चडी जुना भाई भंगारवाला के यहाँ पर लोहा कूटने का काम करता था उसका का दावा था की उसने अपने तंत्र-मंत्र करने की सारी सिद्धियाँ वहा काम करते करते ही प्राप्त हूयी थी और उनी सिद्धियों के बल पे फक्कड़ चडी ने जुना भाई भंगारवाला को एक मामूली आदमी से कबाड़ का बेताज बादशाह बना दिया था. जब जुना भाई के हाथ में फोड़ा हुआ तो फकड़ चडी ने जुना भाई को ललन से मिलने की सलाह दी. जुना भाई ने ललन को घर पे बुलाया और अपना हाथ दिखाया. ललन ने कहा में ये बिलकुल ठीक कर दुंगा आप चिंता न करे पर मेरा इलाज थोडा लम्बा चलेगा परन्तु उसके बाद जीवन में आपको कभी फोड़ा नही होगा जुना भाई बात मान गए बोले ठीक हे इलाज शुरू कर दो पर ये बताओ की तुम्हारी फीस कितनी होगी? ललन ने कहा फीस का तो क्या हे ले लंगे आप तो घर के ही आदमी हे बस अगली बार जब चुनाव हो तब आप मेरा राजनीतिक और आर्थिक रूप से गृह मंत्री बनने के लिए समर्थन कर देना. जुना भाई हंसने लगे उन्हें लगा ललन मजाक कर रहा हे परन्तु ये ललन की हार्दिक इच्छा थी और उसे लगा की उसे जुना भाई का राजनीतिक और आर्थिक समर्थन मिल गया हे
अब ललन ने अपना इलाज शुरु किया उसने जुना भाई के बच्चो को बोला जाहओ और शहर के सबसे गंदे नाले और गटर का पानी लेकर आओ. उसने वो पानी लिया
और इंजेक्शन में भरा और जुना भाई के फोड़े पर लगाने लगा सबको आश्चर्य हुआ पर पहले दिन को कोई कुछ नही बोला ये सिलसिला अगले कुछ दिन और जारी रहा तो जुना भाई और उसके परिवार वालो ने पूछा के आप यह क्या कर रहे हो इससे पहेले ललन कुछ जवाब देता फकड़ बोला भरोसा रखो मुझे अभी-अभी आकाशवाणी सुनाई दी हे की ललन बिलकुल सही इलाज कर रहा है.
कुछ दिन और बीत गए जुना भाई के हाथ का फोड़ा फूलता ही चला गया और ललन गंदे पानी का इंजेक्शन लगाता चला गया, फिर उससे पूछा गया की आप ये क्या कर रहे हो? ललन ने उत्तर दिया जैसे जहर जहर को कटता है मै भी कीटाणु से हुये फोड़े को कीटाणु भ्रेज कर मार रहा हु. अब सेठ भंगार वाला का फोड़ा संतरे जितना बड़ा हो गया था, असहनीय दर्द से सेठ जी बेहाल हो गए और रातो रात भाग के बड़े अस्पताल गए वहा पर ऑपरेशन के द्वारा उनका फोड़ा निकाला गया डॉक्टर ने उन्हें बहुत डाटा सेठ जी बिचारे चुप चाप डॉक्टर की डाट सुनते रहे और चडी बंधुओं को मन ही मन गालियां देते रहे.
अस्पताल से छुट्टी होने के बाद डाक्टर ने सेठ भंगार वाला को घर जाकर 10 दिन पट्टी बदलते रहने के लिए कहा, चूँकि क़सबे में और कोई कंपाउंडर नहीं था इसलिए भंगारवाला को ना चाहते हुए भी ललन को ही बुलाना पड़ा।
लल्लन ने आते ही कहा सेठ जी आप बहुत जल्दी अस्पताल चले गए आपका इलाज करने की मेरी योजना में अस्पताल जाना था तो सही पर आपको मैं तब तक गंदे पानी का इंजेक्शन लगाता रहता जब तक कि आपका फोड़ा केन्सर में नहीं बदल जाता, फिर जब केन्सर का इलाज चलता तो आपके सारे फोड़े फुंसीयों का इलाज हो जाता और भविष्य मैं दुबारा फोड़ा नहीं होता। यह सुनते ही फक्कड़ चड्डी ज़ोर ज़ोर से तालियाँ बजाने लगा और बोला देखा मेरा भाई कितना होशियार है।
सेठ जी की इच्छा तो उस वक़्त दोनों का ख़ून करने की थी परंतु वो शांत हो गए। 10-12 दिन तक ललन ने अस्पताल के डाक्टर के कहे अनुसार मरहम पट्टी की और हर रोज वो यह बात ज़रूर कहता की उसे बड़े अस्पताल के डाक्टर पर भरोसा तो नहीं है पर सेठ जी का दिल रखने के लिए वो ऐसे कर रहा है।
आख़िरकार सेठजी पूर्ण रूप से ठीक हो गए और एक दिन ललन उनके पास गया और एक काग़ज़ दिया,  भंगारवाला ने पूछा के यह काग़ज़ किस लिए?
ललन ने उत्तर दिया भंगारवाला सेठ, यह मैंने जो इतने दिन आपका इलाज और मरहम पट्टी की उसका बिल है
सेठ ने बड़ी मुश्कील से अपने गुस्से पर काबू किया और बिल को देखा तो लगभग 25 दिन सेठ के यहाँ आने का पैसे ललन ने 1 लाख रुपया चार्ज किया था. भंगार वाला ने कहा ये तो बहुत ज्यादा हे कुछ कम कर दो तो ललन ने एकदम से 35,000 काट के बिल 65,000 हजार का कर दिया, सेठ ने कहा यह अब भी ज्यादा हे तो ललन चडी ने बहुत ना नुकर करके 40,000  और कम कर दिये. अब सेठ बोला भाई ललन देखो मेरी हालत बहुत ख़राब हे तुम तो जानते ही हो में तो खुद अभी अस्पताल में इलाज करवा के आया हु इतने पैसे नही दे सकता और कम करो. अब ललन चडी बहुत रो पीट कर आखिर कार 2,200 रुपया पर राज़ी हुआ. सेठ जी मुस्कुराए और बोले ये तो ज्यादा हे पर ठीक है तुम्हें ये पैसे मिल जायेंगे तुम एक काम करो अगले महीने आओ हम तुम्हें पैसे दे देंगे. अगले महीने जब ललन पैसे लेने गया तो सेठ जी ने उसे मात्र  150 रु. दिये और कहा देखो अभी तो ये ही हे तुम ये ले जाओ बाकि के पैसे अगले महीने ले लेना. और इसी तरह ललन चडी सेठ भंगारवाला से 100-150 की मासिक किस्तों में अगामी महीनो तक प्राप्त करता रहा. 

नोट: वर्णित समस्त पात्र, घटनाओ, कहानिया, किस्से, आदि काल्पनिक है. यदि किसी व्यक्ति से इसकी समानता होती है,तो उसे मात्र एक सयोग माना जायेगा.



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