Wednesday, December 6, 2017

Lallan Chaddi and Feast

लल्लन चड्डी और भोजन का न्यौता



लल्लन को जब कभी कोई भोजन के न्योता देने आता तो वो कहता की - देखूँगा मैं आ पाउँगा के नहीं , मैं बहोत ज़िम्मेदारी वाले काम मैं हुँ । फिर वो जिससे भी मिलता उससे कहता की , आपको अमुक व्यक्ति ने न्योता दिया या नहीं ? फिर उस व्यक्ति को कहता की - मुझे तो उसने दिल से बुलाया नहीं , मैं तो नहीं जाऊँगा , और मेरी
मानो तो आप भी मत जाइये, क्योंकि आपको भी उसने दिल से नहीं बुलाया है । इस प्रकार से लोगों को discourage करता रहता ।

लेकिन देखा जाता के वो सर्वप्रथम ही आपने पुरे परिवार के साथ उस भोज मैं पहुँच जाता और अपने परिवार को कहता की - २-३ बार का एक बार मैं ही खा लो , कल का खाने का ख़र्चा बच जाएगा । मन ही मन कहता की अच्छा हुआ दूसरों को खाने मैं आने के लिए मैंने मना किया , जिससे हमारे खाने का पर्याप्त माल है ।
और काफ़ी खाना अपने बीमार परिवार वालों के  नाम पर अपने  साथ बाँध कर भी ले जाता।

Further read:-
Lallan Chaddi: An Introduction
Lalan Chaddi as Medical Practitioner

नोट: वर्णित समस्त पात्र, घटनाओ, कहानिया, किस्से, आदि काल्पनिक है. यदि किसी व्यक्ति से इसकी समानता होती है,तो उसे मात्र एक सयोग माना जायेगा.
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